जन्मदिन पर
कानपूर में जन्म लिया
पांच बरस का बच्चा है वह,
थोड़ा थोड़ा सा डरता है
लेकिन दिल का सच्चा है वह !
हाथीगढ़ में बीता बचपन
यूनिट यूनिट घुमा करता,
तामिलपुर में दोस्त बने हैं
वर्षा में वह झूमा करता !
दाल बहुत भाती है उसको
हरी सब्जियां भी खाता है,
मैडम का प्यारा शिष्य है
हँसते हुए स्कूल जाता है !
उससे तुम धोखा न खाना
आँखों में जो चमक दिख रही,
मासूम सा चेहरा आगे, पीछे
मस्ती की ही झलक दिख रही !
नाना-नानी लाड लड़ाते
माँ तो डांटा भी करती है
अक्षत प्यारा भाई उसका
दोनों की खूब बनती है !
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