Tuesday, August 4, 2015

स्वागतम

स्वागतम


बरस के बादलों ने स्वागत किया 
प्रतीक्षा में उत्सुक हमारा हिया ! 

रसलखेमा से उड़ कर आये
दिल्ली में रहे मौज मनाये !

सहारनपुर भी पहुंचे जा
देहरादून की ठंडी हवा !

अब आये हैं दुलियाजान
लिये अधरों पर मुस्कान !

विवेक बिना पर सब सूना
जाना पुटुपरती नहीं पूना !

अनिता निहालानी
१६ अगस्त २०१०  

(जो मेहमान पाँच वर्ष पहले आये थे फिर से आने वाले हैं..  ) 

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