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Friday, December 2, 2016

जन्मदिवस पर यही दुआएँ

प्रिय आराधिका के लिए
जन्मदिवस पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ

दोहरा बदन रेशमी केश
कद ऊँचा डिजाइनर वेश,
मीठी बोली प्यारी बातें
फैशन का देती सन्देश !

पापा के है दिल की जान  
करती है उनका सम्मान,
घर पर या कालेज में रहे
कहना सदा ही उनका मान  !

जैकेट, टॉप, पैंट सब सिलती
घूम-घूम कर फैब्रिक चुनती,
चांदनी चौक से ला मैटीरियल
बंगलूरू में धूम मचाती !

लिखने  की भी कला खिली है
ब्लॉग की  ड्यूटी एक  मिली है,
डांस क्लास में नियमित जाती
आदत यह तो एक भली है !

साइनस ने किया हैरान
एंटीबायोटिक से परेशान,
कभी विटामिन्स, कभी कैल्शियम
सेहत का रखती है ध्यान !

कालेज डे है  जन्मदिवस पर
परीक्षाएँ खड़ी  हैं सर पर,
फ्रेंड्स के संग पार्टी होगी
संगीत के गूंजेंगे स्वर !

गोवा का फिर होगा टूर
बजट में रहना है जरूर,
फिर तो मनेंगी खूब छुट्टियां
दिल्ली नहीं रहेगी दूर !

इसी तरह तुम बढ़ती जाओ
कर परिश्रम पढ़ती जाओ,
जन्मदिवस पर यही दुआएँ
सक्सेस सीढ़ी चढ़ती जाओ !

 

Thursday, November 3, 2016

जहाँ रहो खुशियाँ ही बिखेरो

जन्मदिवस पर ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ


नन्हा अभिनव था गोदी में
जब हम पहली बार मिले थे,
पढ़ ली थी आँखों की भाषा
दिल भी अपने बहुत खिले थे !

सँग-सँग कितनी शामें काटीं
मुस्कानों सँग बाटीं बातें,
जंगल घूमे, मनी पिकनिकें
नदियों के पानी में झाँके !

सिक्किम की वह मधुर यात्रा
यादें दार्जलिंग की सांझी,
धुर दक्षिण की रेल यात्रा
कितनी दिल में पुलक जगाती !

सहज, सरल स्वभाव तुम्हारा
शांत हृदय और तीव्र मेधा,
न कोई शिकवा न ही अपेक्षा
जो भी मिले, संतुष्ट सदा !

सुख-दुख दोनों में सम रहतीं
बच्चों को संस्कार दिये हैं,
आज याद आ रहीं सारीं बातें
अनुपम जो उपहार दिये हैं !

सदा रहोगी तुम इस दिल में
जब तक जीवन है यह शेष,
जहाँ रहो खुशियाँ ही बिखेरो
‘विभा’ तुम हो बहुत विशेष !


Friday, October 29, 2010

लता जी

लता मंगेशकर- भारत की महान गायिका
स्वर सम्राज्ञी, कोकिला कंठा
शान विश्व की, आन देश की
भारत रत्ना, महान हैं लता
सर्वोत्तम पहचान स्वदेश की!
इंदौर की भूमि हुई हर्षित
सन २९ में जन्मी लता
दीनानाथ, शुद्ध मती की
सबसे बड़ी दुलारी कन्या I

हृदय नाथ की प्यारी दीदी
बहनें आशा, उषा, मीना
नन्हीं उमर में सीखा अभिनय
सीखा सुर में गाना गाना I

अमान अली खां हों या अमानत
लता सदा थीं गुणवती शिष्या
तेरह वर्ष की हुईं अभी थीं
सर से उठा पिता का साया I  

परिवार का बोझ आ पड़ा
करना पड़ा फिल्मों में काज
धीरे –धीरे गायन में वह
सिद्ध हुईं बनी सरताज I

गीत हजारों तब से गाये
जाने कितने दिल धडकाए
जन्म दिवस पर लें बधाई
बार अनेकों यह दिन आये !