नये वर्ष में प्रस्तुत है एक नया ब्लॉग....इस ब्लॉग में वे कविताएँ है जो अपने मित्रों सम्बधियों के लिये खास तौर से लिखी गयी हैं, जन्मदिन , विवाह, विवाह की वर्षगाँठ, विदाई आदि के मौकों पर लिखी ये कवितायें शायद आपको भी किसी अपने की याद दिला दें.
Thursday, November 27, 2025
जीवन अब इक क्रीड़ा प्रांगण
Tuesday, November 11, 2025
हर मुश्किल करती आसान
प्रिय भांजी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी
शुभकामनाओं सहित
नन्ही बिटिया संग दिन उगता
खेल-खेल में हुई हर रात,
काम पे भी जाना होता है
दिल में भर कितने जज़्बात !
बहनों के संग गपशप होती
माँ-पापा का आशीष मिले,
प्रियतम का संग भरे ऊर्जा
अंतर का उपवन सहज खिले !
मोहित, पियु की प्यारी मासी
सदा रखती उनका हर ध्यान,
मीठी मुस्कानों से अपनी
हर मुश्किल करती आसान !
जन्मदिवस पर यही कामना
बसी रहो यूँ सबके मन में,
कर्मठता के संस्कार भरो
छवि की छवि चमके इस जग में !
Saturday, August 23, 2025
तन-मन दोनों फिट रखती हैं
प्रिय सखी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी
शुभकामनाओं के साथ
भक्ति भाव से दिल है पूरित
नित गोविंद के संग रहतीं,
किस घड़ी खिलेंगे ब्रह्म कमल
रातों को सपने हैं बुनती !
सारे बच्चों पर हैं वारी
उनके आँसूँ देख न पातीं,
मीलों यात्रायें करके भी
दौड़-दौड़ कर मिलने जातीं !
नियमित करतीं योग साधना
तन-मन दोनों फिट रखती हैं,
सुंदर बने बसेरा जिससे
घर की ठोक-पीट चलती है !
पाक कला तो आती है पर
नाम सब होटलों के जानें,
दूर-सुदूर नयी जगहों पर
जाने के ढूँढती बहाने !
जन्मदिवस पर ढेर बधाई
अंतर का उपवन हरा रहे,
सपने सारे ही पूरे हों
हृदय उमंगों से भरा रहे !
Monday, August 4, 2025
तुम हो सारे घर की रौनक़
नन्ही गुड़िया के
पहले जन्मदिन पर
ठुमक-ठुमक कर चलती घर में
किलकारी भी गूँज रही है,
छवि तुम्हारी छवि देखकर
नानी माँ बस झूम रही है !
एक बरस की आज हुई हो
माँ-पापा भी वारी जाते,
बड़ी दुलारी दादी माँ की
नाना भी तो नाज उठाते !
संग भाइयों के सदा खेलो
झटपट अ आ इ ई सीखो,
गुजराती में बात करो और
अंग्रेज़ी में गाना सीखो !
तुम हो सारे घर की रौनक़
बड़े मज़े से बड़ी हो रही,
तुतला कर कह देती सब कुछ
निज पैरों पर खड़ी हो रही !
जन्मदिवस पर खूब बधाई
खिला रहे मुखड़ा फूलों सा,
सब के दिल में यही दुआ है
सुंदर हो हर पल जीवन का !
Sunday, July 27, 2025
अंतिम श्वासें जब आती हों
पापाजी की प्रथम बरसी पर
विनम्र श्रद्धांजलि स्वरूप
एक बरस संपूर्ण हुआ है
सहज ही याद आ रहे आप,
घर के हर कोने में जैसे
छायी उन्हीं कदमों की छाप!
बड़े मज़े से पेपर पढ़ते
अधलेटे बेड पर लेटे हों,
हौले-हौले उतरें सीढ़ी
सोफ़े पर जाकर बैठे हों !
झाड़न लिए हाथ में अपने
दर-दीवारें साफ़ कर रहे,
आँगन में फैलाते कपड़े
मन ही मन कुछ जाप कर रहे !
कभी दूध देते बिल्ली को
कभी नीर पौधों को देते,
कितनी छवियाँ मन में आतीं
दिखते जिनमें बातें करते !
जीवन की हर एक घड़ी का
आदर किया आपने दिल से,
अन्तर में सुख बसा हुआ था
दिन कटते थे ईश स्मरण में !
ऐसे ही हो जीवन अपना
मरण जहाँ उत्सव बन जाये,
अंतिम श्वासें जब आती हों
हाथ दुआ में तब उठ जायें !
Sunday, July 13, 2025
गगन विशाल बसा है मन में
प्रिय पुत्र के लिए
जन्मदिन पर ढेर
सारी शुभकामनाओं और स्नेह सहित
सुबह व्यस्त और व्यस्त शाम को
लेकिन योग साधना जारी,
जीवन संगिनी साथ हर कदम
मुखड़े पर मुस्कान है न्यारी !
बाधाएँ कितनी भी आयीं
किया सामना अति हिम्मत से
जन्मदिवस पर ढेर दुआएँ
देते हैं सब मिलकर दिल से !
भर जाती है पुलक ह्रदय में
उड़े ड्रोन जब नील नभ में ,
किंतु याद इसे भी रखना
गगन विशाल बसा है मन में !
देवालय है देह हमारी
इसका भी कुछ ध्यान करो,
स्वयं के साथ बिताओ कुछ पल
जीवन में कुछ गहरे उतरो !
भरा हुआ घर उपकरणों से
तरह-तरह के सामानों से,
वहाँ जरा सी जगह बनाओ
मन को भी थोड़ा फैलाओ !
Friday, July 11, 2025
जीवन में इक लय व छंद है
आदरणीय जीजाजी के लिए
जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाओं सहित
मुख पर संतोष भरी मुस्कान
बन गयी है आपकी पहचान,
छोटी-बड़ी ज़रूरत का हर
दीदी-बच्चे रखते हैं ध्यान !
तन थक जाए कभी ज़रा सा
पर मन का हौसला बुलंद है,
वरदान मिला है दीर्घायु का
जीवन में इक लय व छंद है !
आँगन में बगिया मुस्काए,
हर मौसम कुछ नया दे जाए,
आम, लीची, लुकाठ, करी पात
नींबू, पुदीना सुरभि लुटाए !
भोर में पंछी गीत सुनाते
घर भर देती मधुर गुंजार,
संबंधों में स्नेह बह रहा
पोती-नातिनों की चहकार !
लोहड़ी, होली, या दिवाली
हर उत्सव मिलकर मनाते
ऑनलाइन खेलों के संग
शॉपिंग का भी लुत्फ़ उठाते !
जीवन जैसे शांत समंदर
हर लहर कहे कितना सुंदर,
साथ मिला जो सच्चा, पावन
उससे ही पथ हुआ यह भावन !
यही कामना हम सब की, हो
जन्मदिवस हर साल निराला,
रहें आप स्वस्थ और सानंद
खुशियों का हो संग उजाला !
Tuesday, July 8, 2025
दिल में ले भारत की यादें
प्रिय भाभी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाओं सहित
दिल्ली की गर्मी से राहत
मिली शीतल मंद हवाओं में,
सागर के सुंदर तटों पर
कनाडा की मस्त फ़िज़ाओं में !
नीले नभ पर श्वेत बदलियाँ
सागर का जल भी नीला है,
हाथ लिए हाथों में अपने
जीवन साथी साथ खड़ा है !
सजे-धजे सुंदर वस्त्रों में
स्वच्छ रास्तों पर चलना है,
दिल में ले भारत की यादें
नई स्मृतियों से मन भरना है !
बिटिया के घर जाकर यूँ भी
हर दिन नया-नया लगता है,
जन्मदिवस तो ख़ास तौर पर
इस बार अनोखा लगता है !
हम सब देते ढेर दुआएँ
ऐसे ही मुस्काती रहना,
आने वाले हर इक पल में
प्रीत के नग़मे गाती रहना !
Monday, June 2, 2025
एक अदृश्य लोक से आतीं
आदरणीय व प्रिय दीदी के लिए
जन्मदिन पर ढेर सारी
शुभकामनाओं के साथ
जीवन का जो मर्म जानतीं
तृप्ति का जो धर्म जानतीं,
बनी अजस्र प्रेम की धारा
निष्काम जो कर्म जानतीं !
सदा प्रफ़्फुलित अंतर जिनका
बेशर्त निज प्रेम लुटातीं,
जीवन के इस आयोजन में
रह असंग भूमिका निभातीं !
सत्य, प्रेम, ज्ञान के पथ पर
हो नि:शंक वर्षों से बढ़तीं,
एक अदृश्य लोक से आतीं
किरणों को दामन में भरतीं !
ऐसे ही घर रहे आपका
कृपा बरसती प्रकृति माँ की,
फूलों जैसा खिला रहे मन
लें बधाई इस पावन दिन की !
Sunday, January 26, 2025
साहस भरा हर श्वास में
माँ की पुण्य स्मृति को श्रद्धा सुमन
उन्होंने हमें दिया जनम
पोषण किया कर हर जतन,
उस स्नेह ममता मूर्ति को
कर याद हम करते नमन !
पढ़ती रहीं पढ़ाती भी
बुनती सदा सिखाती भी,
साहस भरा हर श्वास में
वह इक आत्मा स्वतंत्र थीं !
घूमीं बहुत पर्वत चढ़ीं
दीपक जो छह जला गयीं,
पिता संग माँ हर हाल में
तृप्ति का रस पिला गयीं !
हम याद करते हैं उन्हें
शुभ प्रेम अंतर में भरे,
उन्हीं रास्तों पर चल सकें
जीवन से निज दिखा गयीं !


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